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Wednesday 28 January 2015

मित्रो आज मै यहाँ एक विशिष्ठ एवं सुलभ साधना दे रहा हु जिसके करने से यक्षिणी प्रसन्न होकर साधक को सारे ऐश्वर्य एवं सुख प्रदान करती है और कोई हानि नहीं पहुचती ....


मित्रो आज मै यहाँ एक विशिष्ठ एवं सुलभ साधना दे रहा हु जिसके करने से यक्षिणी प्रसन्न होकर साधक को सारे ऐश्वर्य एवं सुख प्रदान करती है और कोई हानि नहीं पहुचती
" भोग यक्षिणी सभी सुखो को देने वाली सात्विक"
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमः
विधि-इस मन्त्र के 51000जप कीजिये और सामने सफ़ेद कागज पे लाल कुमकुम से देवी जी सामान एक महिला की आकृति बना कर कीजिये जप एव केसरियां दूध और खीर का भोग लगाइयेगा और वो खीर दूध खुद ही खाना जप रात को 11:30 के बाद 12 के पहले शुरू कर दीजिये क्जः तक हो सके दो या तीन दिन में ये जाप पूर्ण हो 5 तारीख चतुर्दशी से आरम्भ ककरे कुछ सएमी में ही यक्षिणी अनूकुल होकर साधक को समस्त ऐश्वर्य प्रदान करटी है और अगर साधना प्रबल हो तो प्रत्यक्ष भी होती ह

Saturday 24 January 2015

आपको बिमारियों के विषय में बताना चाहता हूँ आज में आपको बिमारियों के विषय में बताना चाहता हूँ जब किसी कुंडली में गुरु के साथ राहु देव बैठ जाएँ तब उस व्यकित को अस्थमा फेफड़े की बीमारी हो जाती है।और साथ ही सूर्य .....


आपको बिमारियों के विषय में बताना चाहता हूँ
आज में आपको बिमारियों के विषय में बताना चाहता हूँ जब किसी कुंडली में गुरु के साथ राहु देव बैठ जाएँ तब उस व्यकित को अस्थमा फेफड़े की बीमारी हो जाती है।और साथ ही सूर्य , शनि का सम्बन्ध भी बन रहा हो तो तपेदिक जेएसी बीमारी भी हो जाती है।
2 जब किसी की कुंडली में चंद्र केसाथ शुक्र देव भी बैठ जाएँ तो स्किन एलर्जि की परेशानी होती है। और ऐसे व्यकित की माता को भो स्किन और आँखों में परेशानी होती है।
3 सूर्य देव के साथ जब शुक्र देव बैठ जाएँ तब ऐसे जातक के शरीर में जोश की कमी आ जाती है।साथ ही शरीर के अंदर की ताकत भी नष्ट हो जाती है।
4 मंगल देव के साथ जब बुध देव एक साथ बैठ जाएँ तब खून से समबन्धित बीमारी होती है।साथ ही पेट में तेजाब बनना एसिडिटी की परेशानी और बाद में केंसर तक बन जाता है।
5 गुरु देव के साथ जब बुध देव भी बैठ जाएँ तो अस्थमा साइनस की बीमारी होती है ।और जिस घर में इये बुरा योग बन रहा हो उस घर से सम्बंधित बीमारी भी बन जाती है
6 राहु के साथ जब शुक्र देव बैठ जाएँ तो नपुनशक्ता वीर्य में कमी शरीर की हड्डियां कमजोर । गुप्तांग की बीमारी पैदा होती हैं।
7 शुक्र देव के साथ जब केतु देव हों तो व्यकित को शुगर पेशाब ,धातु गिरना की परेशानी होती है।
8 चंद्र देव के साथ जब राहु बैठ जाये तो निमोनिया और पागल पन के दौरे पड़ने लगते हैं
8 जब किसी की कुंडली में सूर्य देव मन्दे हल होए शनि या राहु से पीड़ित हों और बुध +गुरु भी एक साथ बैठ जाएँ तो पीलिया नाम को बोमारी बना देते हैं

Wednesday 21 January 2015

हमेशा जवान दिखते रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए गर्म पानी के फायदे अगर आप स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं या ग्लोइंग स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स यूज करके थक चूके हैं तो...


हमेशा जवान दिखते रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए
गर्म पानी के फायदे
अगर आप स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं या ग्लोइंग स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स यूज करके थक चूके हैं तो रोजाना एक गिलास गर्म पानी पीना शुरू कर दें। आपकी स्किन प्रॉब्लम फ्री हो जाएगी व ग्लो करने लगेगी।
लड़कियों को पीरियड्स के दौरान अगर पेट दर्द हो तो ऐसे में एक गिलास गुनगुना पानी पीने से राहत मिलती है। दरअसल इस दौरान होने वाले पैन में मसल्स में जो खिंचाव होता है उसे गर्म पानी रिलैक्स कर देता है।
गर्म पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं। सुबह खाली पेट व रात्रि को खाने के बाद पानी पीने से पाचन संबंधी दिक्कते खत्म हो जाती है व कब्ज और गैस जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती हैं।
भूख बढ़ाने में भी एक गिलास गर्म पानी बहुत उपयोगी है। एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और काली मिर्च व नमक डालकर पीएं। इससे पेट का भारीपन कुछ ही समय में दूर हो जाएगा।
खाली पेट गर्म पानी पीने से मूत्र से संबंधित रोग दूर हो जाते हैं। दिल की जलन कम हो जाती है। वात से उत्पन्न रोगों में गर्म पानी अमृत समान फायदेमंद हैं।
गर्म पानी के नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन भी तेज होता है। दरअसल गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है। पसीने के माध्यम से शरीर की सारे जहरीले तत्व बाहर हो जाते हैं।
बुखार में प्यास लगने पर मरीज को ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। गर्म पानी ही पीना चाहिए बुखार में गर्म पानी अधिक लाभदायक होता है।
यदि शरीर के किसी हिस्से में गैस के कारण दर्द हो रहा हो तो एक गिलास गर्म पानी पीने से गैस बाहर हो जाती है।
अधिकांश पेट की बीमारियां दूषित जल से होती हैं यदि पानी को गर्म कर फिर ठंडा कर पीया जाए तो जो पेट की कई अधिकांश बीमारियां पनपने ही नहीं पाएंगी।
गर्म पानी पीना बहुत उपयोगी रहता है इससे शक्ति का संचार होता है। इससे कफ और सर्दी संबंधी रोग बहुत जल्दी दूर हो जाते हैं।
दमा ,हिचकी ,खराश आदि रोगों में और तले भुने पदार्थों के सेवन के बाद गर्म पानी पीना बहुत लाभदायक होता है।
♍सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू मिलाकर पीने से शरीर को विटामिन सी मिलता है। गर्म पानी व नींबू का कॉम्बिनेशन शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।साथ ही पी.एच. का स्तर भी सही बना रहता है।
रोजाना एक गिलास गर्म पानी सिर के सेल्स के लिए एक गजब के टॉनिक का काम करता है। सिर के स्केल्प को हाइड्रेट करता है जिससे स्केल्प ड्राय होने की प्रॉब्लम खत्म हो जाती है।
वजन घटाने में भी गर्म पानी बहुत मददगार होता है। खाने के एक घंटे बाद गर्म पानी पीने से मेटॉबालिम्म बढ़ता है। यदि गर्म पानी में थोड़ा नींबू व कुछ बूंदे शहद की मिला ली जाएं तो इससे बॉडी स्लिम हो जाती है।
हमेशा जवान दिखते रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए गर्म पानी एक बेहतरीन औषधि का काम करता है।

Tuesday 20 January 2015

क्रोध शांति हेतु टोटका =============== जिन्हे बहुत अधिक क्रोध आता हो वे नित्य रात्रि में सोते समय एक ताम्बे के लोटे में ....

क्रोध शांति हेतु टोटका 
=============== जिन्हे बहुत अधिक क्रोध आता हो वे नित्य रात्रि में सोते समय एक ताम्बे के लोटे में जल भर दे और उसमे एक चाँदी का सिक्का डाल दे.|प्रातः मुह आदि धोकर इस जल का सेवन करे.|धीरे धीरे क्रोध में कमी आ जायेगी और आपका स्वभाव सोम्य होने लगेगा।

दाम्पत्य जीवन मे मधुरता लाने का उपाय गुरु पुख्य, शुभ पर्वो या अने वाली बसंत पंचमी के दिन 2 ....


दाम्पत्य जीवन मे मधुरता लाने का उपाय
गुरु पुख्य, शुभ पर्वो या अने वाली बसंत पंचमी के दिन 2 गोमती चक्र पीले कापडे मे 3 गाठ लगाकर शयन कक्ष मे दोनों पति-पत्नी की जोइंट फोटो के साथ रख दिया जावे तो जीवन मे हमेशा ताल-मेल अर्थात सम्बन्ध मे मधुरता बनी रहती है

सेक्स लाइफ और सेक्स पॉवर बढाने के तरीके राशिनुसार सेक्स लाइफ और सेक्स पॉवर बढाने के तरीके नाम और राशियाँ :-......


सेक्स लाइफ और सेक्स पॉवर बढाने के तरीके
                 राशिनुसार सेक्स लाइफ और सेक्स पॉवर बढाने के तरीके
नाम और राशियाँ :-
मेष- चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले,लो, आ
वृष- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
मिथुन- का, की, कू,घ, ङ, छ, के, को, ह
कर्क- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
सिंह- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
कन्या- ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
तुला- रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
वृश्चिक- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
धनु- ये, यो, भा,भी, भू, धा, फा, ढा, भे
मकर- भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा गी,
कुंभ- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
मीन- दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
मेष:-
मेष राशि के लडकों का सेक्स के प्रति लगाव अधिकहोता है, पर लडकियों का बहुत कम। इन लोगों को सेक्स की तरफ आकर्षित करने के लिए लाल रंग का प्रयोग करें, इस राशि के लोग भोजन में साग-सब्जी,दुध व अंकुरित भोजन का सेवन करें, इससे सेक्स पावर बढती है।
वृष:-
वृष राशि के लोग स्वभाव से बहुत ही रोमांटिक होते है। लडकियों को रोमांटिक संगीत या फिल्में देखकर मजाक-मजाक में अंगों को छूने से मूड बनता है। इस राशि के लोगों को अपनी सेक्स पावर बढाने के लिए बबूल व गोंद का हलवा,तथा उडद की दाल का सेवन करना चाहिए।
मिथुन:-
इस राशि का स्वामी बुध है इसलिए इस राशि के लडकों को आकर्षण बहुत पसंद होता है। इस राशि की लडकियों को सरप्राइज बहुत पसंद होते हैं।
इनको लुभाने के लिए कमरे में अपनी शादी की रोमांटिक फोटो चिपकाकर या उस जगह पर ले जाएं जहां बहुत सी रोमांटिक यादें जुडी हों। इस राशि के
लोगों को अपनी सेक्स पावर को बढाने के लिए उडद की दाल से बनी चीजें तथा भोजन में गोंद का प्रयोग करना चाहिए।
कर्क:-
इस राशि के लोग मनचले होते हैं। इस राशि के लोगों को रोमांटिक मूड में लाने के लिए एकांत में रोमांस करना चाहिए। साथ ही सेक्सी अंगों को मसाज करना इनको बहुत भाता है। इस राशि की लडकियों का कैंडल लाईट डिनर बहुत पसंद है। सेक्स पावर को बढाने के लिए इस राशि वाले लोग छुहारे व अश्वगंध का सेवन अवश्य करें।
सिंह:-
इस राशि का स्वामी सूर्य है। इन
लोगों को दिखावा बहुत भाता है। जब तक आप सेक्सी माहौल नहीं बनाते तब तक इनका मूड नहीं बनता। लडकियों का मिजाज कुछ परिवर्तित होता है। रात को नहाकर कपडों पर हल्का परफ्यूम लगा कर अपने पार्टनर के सेक्सी अंगों की तारीफ करें तथा सेक्स करने के अंदाज की तारीफ करने से ही वे मूड में आ जाती है। भोजन में साठी के चावल,अंकुरित
दाल का प्रयोग करें।
कन्या:- इस राशि के लोगों को हर तरह के सेक्स में आनंद आता हैं। इस राशि के लडके सेक्स के दौरान छेडखानी पसंद करते हैं। लडकियों का भी सेक्स की तरफ पूरा झुकाव होता है। बस थोडा छेडने की जरूरत है। इस राशि के लोगों को सेक्स पावर बढाने के लिए गोद, बादाम व छुहारे का सेवन अपने भोजन में करना चाहिए।
तुला:-
इस राशि के लडकों का स्वभाव बडा ही रोमांटिक होता है। इस राशि के लडके किसी सरप्राइज रोमांटिक जगह पर जाना तथा सेक्सी अदाएं पसंद करते हैं। इस राशि की लडकियों का सेक्स की तरफ थोडा कम ही रूझान होता है। इन लोगों को सेक्स पावर बढाने के लिए मेथी के लड्डू व बिनौले का सेवन करना चाहिए।
वृश्चिक:-
इस राशि के लोगों को अपने सेक्स अनुभव को तरोताजा बनाने के लिए कुछ योजना बनाकर अपने साथी को अपनी ओर आकर्षित करना चाहिए। इस राशि को लडकियों को रोमांस के मूड में लाने के लिए बाथ टब को गुलाब के फूलों की पंखुडियों से भर के एक साथ नहाने का मजा लें। इस राशि के लोगों को अपनी सेक्स पावर को मेंटेन रखने के लिए श्र भोजन में खट्टा कम खाना चाहिए।
धनु:-
इस राशि के लोग धार्मिक विचारों वाले
होते हैं। इन लोगों को एकांत में रोमांस
करना पसंद होता है। जब इनकी पार्टनर
सेक्सी ड्रेस में टू पीस, स्टैप वाला गाउन
पहन कर इनके सामने आती है तो ये रोमांटिक मूड में आ जाते हैं। किसी हिल स्टेशन पर जाकर वादियों में रोमांस करना इन राशि वालों को अच्छा लगता है। इस राशि की लडकियां रोमांटिक संगीत, सेक्सी फिल्म तथा सेक्सी बातों से
आपकी तरफ आकर्षित हो सकती हैं।
मकर:-
इस राशि के लोगों को प्यार भरी बातों से
अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है। इस राशि के लोग सेक्स करने के दौरान बात करना पसंद नहीं करते। इस राशि की लडकियों का रोमांस में रूझान बढाने के लिए खूब घूमे- फिरें,शादी की रोमांटिक बातें करें। हनीमून की रोमांटिक यादें ताजा करायें व उस जगह पर वे एकदम आकर्षित हो जाएंगी।
कुंभ:-
इस राशि का स्वामी शनि होने पर लडकों को रात को नहा कर सेक्स करने में आनंद मिलता है। अंगों को मसाज देने से वे मूड में आते हैं। इस राशि की लडकियों का मन आकर्षित करने के लिए कपडों में हल्का परफ्यूम लगाएं, किसी पानी की जगह ले जाएं, जहां आप दोनों के अलावा और कोई न हो।
मीन:-
इस राशि के लडकों को आकर्षण बहुत भाता है। जिन्हें आप किसी फिल्मी हीरोइन की तरह अदांए दिखा कर लुभा सकती हैं। लडकियों को आंखों में आंखें डालकर देखना अच्छा लगता है। सरप्राइज गिफ्ट लेना पसंद करती हैं। थोडी जबरस्ती की शरारतें व कुछ नया करना अच्छा लगता है।

Friday 16 January 2015

यही पुण्य कर्म आपकी परेशानियां दूर करने में सहायक होंगे। बहुत आसान हैं ये 9 छोटे और अचूक उपाय, जो कर सकते हैं, आपकी हर परेशानी दूर.....तंत्र शास्त्र व ज्योतिष के अंतर्गत ऐसे कई छोटे-छोटे उपाय हैं, जिन्हें करने से थोड़े ही समय में व्यक्ति की हर परेशानी दूर हो सकती है। मगर बहुत कम लोग इन छोटे-छोटे उपायों के बारे में जानते हैं।..


यही पुण्य कर्म आपकी परेशानियां दूर करने में सहायक होंगे।
बहुत आसान हैं ये 9 छोटे और अचूक उपाय, जो कर सकते हैं,
आपकी हर परेशानी दूर.
तंत्र शास्त्र व ज्योतिष के अंतर्गत ऐसे कई छोटे-छोटे उपाय हैं, जिन्हें करने से थोड़े ही समय में व्यक्ति की हर परेशानी दूर हो सकती है। मगर बहुत कम लोग इन छोटे-छोटे उपायों के बारे में जानते हैं।
जो लोग जानते हैं वे ये उपाय करते नहीं और अपनी किस्मत को ही दोष देते रहते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही छोटे और अचूक उपाय बता रहे हैं, जिन्हें सच्चे मन से करने पर आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
1- प्रतिदिन शाम के समय तुलसी के पौधे पर गाय के घी का दीपक लगाएं और उनके जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करने का निवेदन करें। ऐसा करने से आपकी समस्याएं तो दूर होंगी ही साथ ही परिवार में खुशहाली बनी रहेगी।
2- अपने घर के आस-पास कोई ऐसा तालाब, झील या नदी का चयन करें जहां बहुत सी मछलियां हों। यहां रोज जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का यह बहुत ही अचूक उपाय है। नियमित रूप से यह उपाय करने से धन संबंधी समस्या जल्दी ही दूर हो सकती है।
3- भोजन के लिए बनाई जा रही रोटी में से पहली रोटी गाय को दें। धर्म ग्रंथों के अनुसार गाय में सभी देवताओं का निवास माना गया है। अगर प्रतिदिन गाय को रोटी दी जाए तो सभी देवता प्रसन्न होते हैं और आपकी समस्याएं दूर हो सकती है।
4- घर में स्थापित देवी-देवताओं को रोज फूलों से सजाना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि फूल ताजे ही हो। सच्चे मन से देवी-देवताओं को फूल आदि अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं व साधक की हर परेशानी दूर सकते हैं।
5- घर को साफ-स्वच्छ रखें। प्रतिदिन सुबह झाड़ू-पोछा करें। शाम के समय घर में झाड़ू-पोछा न करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं और साधक को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है।
6- रोज सुबह जब आप उठें तो सबसे पहले दोनों हाथों की हथेलियों को कुछ क्षण देखकर चेहरे पर तीन चार बार फेरें। धर्म ग्रंथों के अनुसार हथेली के अग्र भाग में मां लक्ष्मी, मध्य भाग में मां सरस्वती व मूल भाग (मणि बंध) में भगवान विष्णु का स्थान होता है। इसलिए रोज सुबह उठते ही अपनी हथेली देखने से आपकी परेशानियों का अंत हो सकता है।
7- रोज जब भी घर से निकले तो उसके पहले अपने माता-पिता और घर के बड़े बुजुर्गों का चरण स्पर्श करें और आशीर्वाद लें। ऐसा करने से आपकी कुंडली में स्थित सभी विपरीत ग्रह आपके अनुकूल हो जाएंगे और शुभ फल प्रदान करेंगे।
8- प्रतिदिन सुबह पीपल के पेड़ पर एक लोटा जल चढ़ाएं। मान्यता है कि पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है। रोज ये उपाय करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।
9- अगर आप चाहते हैं कि आपकी हर परेशानी दूर हो जाए तो रोज चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपके पाप कर्मों का क्षय होगा और पुण्य कर्म उदय होंगे। यही पुण्य कर्म आपकी परेशानियां दूर करने में सहायक होंगे।

:दैनिक व्यावसायिक सफ़लता और बाधा निवारण हेतु प्रयोग .यदि आप दैनिक कार्यों में ,रोजाना के व्यावसायिक कार्यों में अधिकतम सफलता पाना चाहते है ,कम से कम विघ्न-बाधाओं का सामना करना चाहते है....


:दैनिक व्यावसायिक सफ़लता और बाधा निवारण हेतु प्रयोग
             :दैनिक व्यावसायिक सफ़लता और बाधा निवारण हेतु प्रयोग

.यदि आप दैनिक कार्यों में ,रोजाना के व्यावसायिक कार्यों में अधिकतम सफलता पाना चाहते है ,कम से कम विघ्न-बाधाओं का सामना करना चाहते है ,तो निम्न प्रयोग करे ,आपके भाग्य तो नहीं बदल जायेगे ,किंतू जो मिलना है वह पूरा मिल पायेगा ऐसा विश्वास रखे ,यदि कुछ बुरा होना है तो कम से कम होगा ,किसी प्रकार की विघ्न -बाधा है तो वह दूर होगी ,किसी प्रकार का बंधन या आभिचारिक क्रिया है तो वह रुकेगी ,आप बुधवार या गणेश चतुर्थी को सूर्योदय पूर्व उठे और स्नानकर अपने ईष्ट की पूजा करे ,फिर गणेश जी की आराधना करे ,,अब एक सिन्दूरी कागज़ कम से कम १*१ फुट का ले ,उसपर स्केल की सहायता से १०८ खाने बना ले ,अब प्रत्येक खाने में ऊपर से नीचे की और १ से १०८ तक संख्याये लिखे ,,ध्यान दे सांख्ययो का क्रम न टूटे ,अर्थात किसी लाइन में यदि संख्या १२ पर समाप्त हो रही है तो उसी के नीचे १३ अंक की संख्या शुरू होकर उलटे क्रम से पुनः १ के नीचे आएगी ,फिर वहा २४ आएगा ,अब उसके नीचे २५ से आगे लिखा जाएगा ,,यदि १ लाइन में १२ खाने हो तो ९ लाइनों में १०८ खाने हो जायेगे ,,जब खाने बन जाए तो प्रत्येक खाने में लाल स्याही से " ॐ गं गणपतये नमः " लिखे ,,,अब इस कागज़ को ईश्वर मानकर विधिवत पूजन कर ले ,,धुप -आरती कर के कागज़ की तह करके रख ले ,इसे आपको सदैव अपनी जेब में रखनी है ,,जिस दिन इसका निर्माण करे उस दिन सुबह तब तक अन्न ग्रहण न करें जब तक यह बना और पूजा न कर लें ,,अब दैनिक रूप से घर से बाहर जाते समय सुबह इस कागज़ को खोलकर सामने रख लिया करे,,इसके पहले खाने पर तर्जनी उंगली रखे फिर उसे सभी खानों पर घुमाते हुए १०८ वे खाने पर ले आये ,यहाँ आप अपनी आखे बंद कर अपने ईष्ट और गणेश जी को याद करे ,और कहे हे प्रभु मेरा आज का दिन शुभ हो ,सफल हो ,में सभी अनावश्यक विवादो आदि से बचा रहू ,,इस प्रकार अपनी कामनाये व्यक्त करे,फिर अपनी तर्जनी को माथे लगा ले ,,फिर उस कागज़ को तह कर जेब में रख ले और भगवान का नाम लेकर प्रस्थान करे ,,विशवास रखे आपका दिन पहले की अपेक्षा शुभ होगा ,,,कागज पर एक बार बनाया हुआ [लिखा हुआ ]यह आपको महीनो तक काम देगा ,,किसी प्रकार कागज़ फट या खराब हो जाने पर बहते जल में विसर्जित कर ,पुनः बुधवार या गणेश चतुर्थी को इसे पहले की तरह बना सकते हैं 
इस प्रयोग के साथ भोजपत्र पर निर्मित व्यापार वृद्धि यन्त्र अथवा महालक्ष्मी सर्वतोभद्र यन्त्र अथवा श्री यन्त्र अपने प्रतिष्ठान लगाए और रोज धुप दीप से उसकी पूजा करते रहे ,,खुद बगलामुखी यन्त्र धारण करे जिससे आप जो कहे उसका प्रभाव ग्राहक या सम्बंधित व्यक्ति पर पड़े ,आपका प्रभाव बढे ,सुरक्षा के साथ बुरी नज़रों आदि से बचाव हो और निर्विघ्नता रहे ,,यदि आपको लगता है की किसी प्रकार का अभिचार या बंधन दूकान-प्रतिष्ठान या घर पर किया गया है या किया जा रहा है तो वहां भी बगलामुखी यन्त्र लगाएं ,और बगला या काली या दुर्गा सहस्त्रनाम /कवच का पाठ करके जल अभिमंत्रित कर प्रतिष्ठान में छिडके ,बाधाएं समाप्त होंगी ....

कर्ज मुक्ति के उपाय १.किसी भी महीने की कृष्ण पक्ष की 1 तिथि, शुक्ल पक्ष की 2, 3, 4, 6, 7, 8, 10, 11, 12, 13 पूर्णिमा व मंगलवार के दिन उधार दें और बुधवार को कर्ज लें। 2. चर लग्न जैसे- मेष, कर्क, तुला व मकर में कर्ज लेने पर शीघ्र उतर जाता है। लेकिन, चर लग्न में कर्जा दें नहीं। चर लग्न में पांचवें व नौवें स्थान में शुभ ग्रह व आठवें स्थान में कोई भी ग्रह नहीं हो, वरना ऋण पर ऋण चढ़ता चला जाएगा।....


कर्ज मुक्ति के उपाय
कर्ज मुक्ति के उपाय

१.किसी भी महीने की कृष्ण पक्ष की 1 तिथि, शुक्ल पक्ष की 2, 3, 4, 6, 7, 8, 10, 11, 12, 13 पूर्णिमा व मंगलवार के दिन उधार दें और बुधवार को कर्ज लें।
2. चर लग्न जैसे- मेष, कर्क, तुला व मकर में कर्ज लेने पर शीघ्र उतर जाता है। लेकिन, चर लग्न में कर्जा दें नहीं। चर लग्न में पांचवें व नौवें स्थान में शुभ ग्रह व आठवें स्थान में कोई भी ग्रह नहीं हो, वरना ऋण पर ऋण चढ़ता चला जाएगा।
3. प्रतिदिन लाल मसूर की दाल का दान करें।
4. हस्त नक्षत्र रविवार की संक्रांति के वृद्धि योग में कर्ज उतारने से शीघ्र ही ऋण मुक्ति मिलती है।
5. कर्ज लेने जाते समय घर से निकलते वक्त जो स्वर चल रहा हो, उस समय वही पांव बाहर निकालें तो कार्य सिद्धि होती है, परंतु कर्ज देते समय सूर्य स्वर को शुभकारी माना है
6. वास्तुदोष नाशक हरे रंग के गणपति मुख्य द्वार पर आगे-पीछे लगाएं।
7. वास्तु अनुसार ईशान कोण को स्वच्छ व साफ रखें।
8. हनुमानजी के चरणों में मंगलवार व शनिवार के दिन तेल-सिंदूर चढ़ाएं और माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। हनुमान चालीसा या बजरंगबाण का पाठ करें।
9. ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का शुक्ल पक्ष के बुधवार से नित्य पाठ करें।
10. बुधवार को सवा पाव मूंग उबालकर घी-शक्कर मिलाकर गाय को खिलाने से शीघ्र कर्ज से मुक्ति मिलती है।
11. सरसों का तेल मिट्टी के दीये में भरकर, फिर मिट्टी के दीये का ढक्कन लगाकर किसी नदी या तालाब के किनारे शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय जमीन में गाड़ देने से कर्ज मुक्त हो सकते हैं।
12. घर की चौखट पर अभिमंत्रित काले घोड़े की नाल शनिवार के दिन लगाएं।
13. श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल के वृक्ष पर चढ़ाना चाहिए। यह कार्य नियमित रूप से 7 शनिवार को किया जाना चाहिए।
14. 5 गुलाब के फूल, 1 चांदी का पत्ता, थोडे से चावल, गुड लें। किसी सफेद कपड़े में 21 बार गायत्री मंत्र का जप करते हुए बांध कर जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा 7 सोमवार तक करें।
15. ताम्रपत्र पर कर्जनाशक मंगल यंत्र (भौम यंत्र) अभिमंत्रित करके पूजा करें या सवा चार रत्ती का मूंगायुक्त कर्ज मुक्ति मंगल यंत्र अभिमंत्रित करके गले में धारण करें।
16. सिद्ध-कुंजिका-स्तोत्र का नित्य एकादश पाठ करें।

Thursday 15 January 2015

सारे टोटके आजमा कर थक गए हो तो इसे जरूर पढ़ें किस्मत का ताला खोलने के लिए यह करें... लाल किताब में बहुत ही आसान, सस्ते और सटीक उपाय बताए गए हैं, जैसे कि यदि आपको लगता है कि मेरा भाग्य मुझसे रूठा हुआ है ...


सारे टोटके आजमा कर थक गए हो तो इसे जरूर पढ़ें
किस्मत का ताला खोलने के लिए यह करें...
लाल किताब में बहुत ही आसान, सस्ते और सटीक उपाय बताए गए हैं, जैसे कि यदि आपको लगता है कि मेरा भाग्य मुझसे रूठा हुआ है जिसके कारण नौकरी, करियर या कारोबार में परेशानी आ रही है तो यहां प्रस्तुत है कुछ आसान उपाय...
सबसे पहले आप ताले की दुकान पर किसी भी शुक्रवार को जाएं और एक स्टील या लोहे का ताला खरीद लें। लेकिन ध्यान रखें ताला बंद होना चाहिए खुला ताला नहीं। ताला खरीदते समय उसे न दुकानदार को खोलने दें और न आप खुद खोलें। ताला सही है या नहीं यह जांचने के लिए भी न खोलें। बस बंद ताले को खरीदकर ले आएं।
उसे ताले को एक डिब्बे में रखें और शुक्रवार की रात को ही अपने सोने वाले कमरे में बिस्तर के पास रख लें। शनिवार सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर ताले को बिना खोले किसी मंदिर या देवस्थान पर रख दें। ताले को रखकर बिना कुछ बोले, बिना पलटें वापिस अपने घर आ जाए।
विश्वास और श्रद्धा रखें जैसे ही कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला भी खुल जाएगा। यह जाना-माना प्रयोग है अपनी किस्मत चमकाने के लिए इसे अवश्य आजमाएं....


सारे टोटके आजमा कर थक गए हो तो इसे जरूर पढ़ें

सरसों के तेल में सिके गेहूं के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूए, सात मदार (आक) के पुष्प, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तेल का रूई की बत्ती से जलता दीपक, पत्तल या अरंडी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात को किसी चौराहे पर रखें और कहें - 'हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूं कृपा करके मेरा पीछा ना करना।' सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें।
विवाह हो या व्यापार, परीक्षा हो या प्यार हर काम में आपका भाग्य तेजी से आपका साथ देने लगेगा।

Monday 12 January 2015

मकर संक्रांति से सूर्य दूषित रहेगा तीस दिन , कई राजनैतिक सामाजिक पारिवारिक उथल पुथल होने की सम्भावना !!! सूर्य ग्रहण दोष :.....


मकर संक्रांति से सूर्य दूषित रहेगा तीस दिन , कई राजनैतिक सामाजिक पारिवारिक उथल पुथल होने की सम्भावना !!!
सूर्य ग्रहण दोष :
माघ संक्रांति 14 जनवरी 2015 जैसे ही सूर्य मकर राशि में जायेंगे वृश्चिक राशि में स्थित शनि की तीसरी दृष्टि में आ जायेंगे और कन्या राशि में स्थित राहु की नवम दृष्टि में आ जायेंगे , मकर राशि में शुक्र और बुध भी सूर्य के साथ शनि और राहु की दृष्टि में आ जायेंगे , शुक्र 22 जनवरी तक मकर राशि में रहेंगे और बुध 9 मार्च तक मकर राशि में रहेंगे ।
वैदिक ज्योतिष अनुसार राहु और शनि दृष्टियां मलीन मानी जाती है किसी भाव या दूसरे ग्रह पर राहु और शनि की दृष्टि आजाये तो उस भाव और उन ग्रहों का फल मंदा हो जाता है और किसी ग्रह का फल मंदा हो जाये तो उसके अधिपत्य भाव भी शुभ फल नही दे पाते और न ही दूषित ग्रहों की राशियाँ शुभ प्रभाव दे पाती हैं ।
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*सूर्य यदिं राहु या शनि की दृष्टि या युति में आ जाये तो सूर्य ग्रहण दोष / पितृ दोष भी माना जाता है ।
*शुक्र यदिं राहु की दृष्टि में आजाये या युति में आ जाये तो लक्ष्मी चंडाल दोष मन जाता है ।
*बुध यदिं राहु की दृष्टि या युति में आजाये तो जड़ दोष यानी बुद्धि भ्रष्ट दोष होता है ।
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14 जनवरी 2015 से बने इस दोष का अनिष्ट प्रभाव कुछ इस प्रकार हो सकता है !
सूर्य की सिंह राशि / शुक्र की तुला और वृष राशि और बुध की मिथुन / कन्या राशि वालों को सेहत , धन , मान सम्मान संबंधित और पारिवारिक समस्याएं आ सकती है ।
मेष से लेकर मीन राशि तक सूर्य ग्रहण का प्रभाव :-
मेष - पंचमेष - संतान / प्रेम / शिक्षा से परेशानी
वृष - चतुर्थेश - माता / भूमि / वाहन से परेशानी
मिथुन - त्रित्येश - भाई बंधु / पराक्रम / निर्णय लेते हुए परेशानी
कर्क - द्वतियेश - धन / ससुराल स्थान से परेशानी
सिंह - लग्नेश - स्वास्थ्य / मान यश संबंधित परेशानी
कन्या - द्वादश - कानूनी अड़चन / जेल यात्रा / विदेश संबंधित परेशानी
तुला - एकादश - आय / लाभ / यश में नुक्सान और घाटा
वृश्चिक - दशमेश - कर्म स्थान / पिता / सरकार से परेशानी
धनु - नवमेश - भाग्य / यात्रा / धर्म संबंधित परेशानी
मकर - अष्टमेश - सेहत खराब / मृत्यु तुल्य कष्ट / अचानक नुक्सान
कुम्भ - सप्तमेश - विवाह में बाधा / सांझेदारी भंग
मीन - षष्ठेश - शत्रु / कर्जे / रोग से परेशानी
राहु / केतु / शनि से निर्मित होने वाले पितृ दोष / कल सर्प दोष / ग्रहण दोष / साढ़ेसाती / अंगारक दोष / लक्ष्मी चंडाल दोष / जड़ दोष / चन्द्र ग्रहण दोष की शांति का उत्तम दिन है '' माघ संक्रांति '' 20 जनवरी 2015 , सम्पर्क करें :-पण्डित मयुख वशिष्ट लाल किताब माहिर। … 9463964121 .

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Sunday 11 January 2015

!!किस तरह से करें पूजा एवं मंत्र जाप!! मंत्र जाप में शुद्ध शब्दों के बोलने का विशेष ध्यान रखें, जिन अक्षरों से शब्द बनते हैं। उनके उच्चारण स्थान पांच है जो पंचतत्व से संबंधित है। 1 होठ पृथ्वी तत्व 2 जीभ जल तत्व 3 दांत अग्नि तत्व 4 तालू वायु तत्व 5 कंठ आकाश तत्व .....

किस तरह से करें पूजा एवं मंत्र जाप

!!किस तरह से करें पूजा एवं मंत्र जाप!!

मंत्र जाप में शुद्ध शब्दों के बोलने का विशेष ध्यान रखें, जिन अक्षरों से शब्द बनते हैं। उनके उच्चारण स्थान पांच है जो पंचतत्व से संबंधित है।

1 होठ पृथ्वी तत्व

2 जीभ जल तत्व

3 दांत अग्नि तत्व

4 तालू वायु तत्व

5 कंठ आकाश तत्व

मंत्र जाप से पंचत्तवों से बनी यह देह प्रभावित होता है। शरीर का प्रधान अंग सिर है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार सिर में दो शक्तियां कार्य करती है। पहली विचार शक्ति व दूसरी कार्य शक्ति।

इन दोनों का मूल स्थान मस्तिष्क है। इसे मस्तुलिंग भी कहते है। मस्तुलिंग का स्थान चोटी के नीचे गोखुर के बराबर होता है।

यह गोखुर वाला मस्तिष्क का भाग जितना गर्म रहेगा, उतनी ही कर्मेन्द्रियों की शक्ति बढ़ती है।

मस्तिष्क के तालू के ऊपर का भाग ठंडक चाहता है। यह भाग जितना ठंडा होगा उतनी है ज्ञानेन्द्रिय सामर्थ्यवान होगा। तैतरीयोपनिशत् में शिखा का नाम इंद्रयोनि रखा है।

1 मानसिक जाप अधिक श्रेष्ठ होता है।

2 जाप, होम, दान, स्वाध्याय व पितृ कार्य के लिये स्वर्ण व कुशा की अंगुठी हाथ में धारण करें।

3 दूसरे के आसन पर बैठकर जाप न करें।

4 बिना आसन के जाप न करें।

5 भूमि पर बैठकर जाप करने से दुख, बांस के आसन पर जाप करने से दरिद्रता, पत्तों पर जाप करने से धन व यश का नाश व कपड़े के आसन पर बैठ जाप करने से रोग रहता है। कुशा या लाल कंबल पर जाप करने से शीघ्र मनोकामना पूर्ण होती है।

6 जाप काल में आलस्य, जंभाई, निद्रा, थूकना, छींकना, भय, वार्तालाप करना, क्रोध करना, सब मना है।

7 लोभ युक्त आसन पर बैठते ही सारा अनुष्ठान नष्ट हो जाता है।

8 जाप के बाद आसन के नीचे जल छिड़ककर जल को मस्तक पर लगाना चाहिये। वरना जप फल को इन्द्र स्वयं ले लेते हैं।

9 स्नान कर माथे पर तिलक लगाकर जाप करें।

10 जनेऊ धारण कर ही जाप करें। पितृऋण, देवऋण की मुक्ति के लिये पांच यज्ञों को किया जाता है।

11 घंटे और शंखनाद का प्रयोग अवश्य किया जाना चाहिए। वै ज्ञानिक अनुसंधानों से सिद्ध हो गया है कि शंखनाद व घंटानाद से तपैदिक के रोगी, कान का बहना व बहरेपन का इलाज होता है। मास्कों सैनिटोरियम में केवल घंटा बजाकर टीबी रोगी ठीक किये गये थे।

12 1928 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में शंख ध्वनि से बैक्टीरिया नामक हानिकारक, जीवाणुओं को नष्ट किया गया था। शंखनाद-से-मिरगी, मूर्छा, गर्दन तोड़ बुखार, हैजा, प्लेग व हकलापन दूर होता है।

13 पूर्व व उत्तर दिशा में ही देखकर जाप करें।

माला-

1 मोतियों की माला विद्या प्राप्ति के लिये श्रेष्ठ है।

2 रुद्राक्ष माला सर्वसिद्ध है।

3 शंख की माला धर्म व धन दायक है।

4 तुलसी की माला सर्व रोगहरता है।

5 वशीकरण के लिये मूंगे की माला उत्तम है।

6 धन प्राप्ति के लिये स्फटिक माला ठीक है।

7 जाप की माला ढककर ही जाप करें।

8 पहली अंगुली का प्रयोग न करें।

दीपक-

1 घी की जोत जलाने से परिवार में सुख समृद्धि होती है, यह स्वस्थ्यप्रद है।

2 तिल की जोत सर्व रोगहरता है।

3 अरंडी के तेल से दाम्पत्य जीवन सुखी रहता है।

बाती-

1 रूई की बाती शुभ है।

2 कमल नाल से बनाई बत्ती, पित्तरों द्वारा किये पापों का नाश करती है।

3 केले के तने की छाल के रेशे से बनी बाती पितृशाप से मुक्ति देती है। संतान योग होता है। सुख शांति होती है।

4 जटामांसी की छाल से बनी भूत-प्रेत बाधा नष्ट करती है।

5 नयी पीली साड़ी के टुकड़े से बनी बाती से माँ की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होती है। बीमारियां दूर होती है।

6 लाल साड़ी के टुकड़े से बनी बाती जलाने से शादी में अड़चन व रुकावटें दूर होती है। बांझपन व ऊपरी बाधा (भूत-प्रेत) दूर होते हैं।

7 सफेद कपड़े को गुलाब जल में भिगोकर सुखाकर बनी बाती जलाने से सुख समृद्धि बढ़ती है।

8 नीम का तेल, घी वा महुआ का तेल मिलाकर जलाने से कुलदेवी व कुलदेवता प्रसन्न होते हैं। घर खुशहाली होती है।

9 नारियल का तेल, घी, अरंडी का तेल, नीम का तेल 47 दिनों तक भगवती की पूजन करने से माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दांपत्य जीवन सुखी व समृद्धि-मय होता है।

जोत जलाने का समय-

1 प्रात: 3 से 5 बजे तक जोत जलान से परिवार का कल्याण व समृद्धि होत है।

2 नौकरी की इच्छा वाले, अच्छा जीवन साथी अच्छी संतान की इच्छा वाले, घर में सुख-चैन की कामना करने वाले को गौधूली बेला में जोत जलानी चाहिए।

3 एक ज्योति जलाने से लाभ होता है। दो ज्योत जलाने से परिवार में एकता बढ़ती है।

4 तीन जोत जलाने से अच्छी संतान पैदा होती है।

5 चार जोत जलाने से पशुधन व जमीन जायदाद बढ़ती है।

6 पांच जोत जलाने से धन प्राप्ति व सर्व मंगलकारी व पांच देवताओं को प्रिय होती है।

विवाह योग विवाह योग • सप्तम भाव का स्वामी शुभ ग्रह हो या अशुभ ग्रह यदि वह अपने भाव सप्तम में हि स्थित हो या किसी अन्य में स्थित होकर अपने भाव को देख रहा हो और सप्तम भाव पर किसी पाप ग्रह का प्रभाव या द्रष्टी नहों तो जातक का विवाह अवश्य होता हैं। • सप्तम भाव में कोई पाप ग्रह स्थित नहीं हो और नाहीं द्रष्टी हो, तो विवाह अवश्य होता हैं। • सप्तम भाव में सम राशि हो या सप्तमेश और शुक्र भी सम राशि में स्थित हों या सप्तमेश बली हो, तो विवाह होता हैं।....


विवाह योग
विवाह योग
• सप्तम भाव का स्वामी शुभ ग्रह हो या अशुभ ग्रह यदि वह अपने भाव सप्तम में हि स्थित हो या किसी अन्य में स्थित होकर अपने भाव को देख रहा हो और सप्तम भाव पर किसी पाप ग्रह का प्रभाव या द्रष्टी नहों तो जातक का विवाह अवश्य होता हैं।
• सप्तम भाव में कोई पाप ग्रह स्थित नहीं हो और नाहीं द्रष्टी हो, तो विवाह अवश्य होता हैं।
• सप्तम भाव में सम राशि हो या सप्तमेश और शुक्र भी सम राशि में स्थित हों या सप्तमेश बली हो, तो विवाह होता हैं।
• सप्तम भाव में कोई ग्रह नहों, न किसी पाप ग्रह की द्रिष्टि हो व सप्तमेश बली होतो विवाह अवश्य होता हैं।
• यदि दूसरे, सातवें और बारहवें भाव के स्वामी केन्द्र या त्रिकोण में हों, और गुरु से द्रष्ट हो, तो विवाह अवश्य होता हैं।
• कुंडली में सप्तमेश से दूसरे, सातवें और ग्यारवे भाव में सौम्य ग्रह स्थित हो तो स्त्री सुख अवश्य मिलता हैं।
• शुक्र द्विस्वभाव राशि में होने पर विवाह अवश्य होता हैं।
विवाह बाधा योग योग
• सप्तम में बुध और शुक्र दोनो हो, तो विवाह के प्रस्ताव आते रहते हैं पर विवाह अधेड उम्र में होता हैं।
• शुक्र एवं मंगल दोनो पंचम या नवें भाव में हों, तो विवाह बाधा योग होता हैं।
• सप्तम भाव में मंगल हों उस पर शनि कि द्रष्टी हों, तो विवाह बाधा योग होता हैं।
• सप्तमेश अशुभ होकर 6,8,12 वे भाव में अस्त या नीच का हो कर स्थित हो, तो विवाह बाधा योग होता हैं।
• सप्तम भाव में शनि या गुरु स्थित हो, तो शादी देर से करवाते हैं।
• सप्तम भाव पर शनि कि द्रष्टी विवाह में विलंब करवाती हैं।
• चन्द्रमा से सप्तम में गुरु स्थित हो, तो शादी देर से करवाता हैं।
• कर्क लग्न में सप्तम में गुरु स्थित हो, तो शादी देर से करवाता हैं।
• सप्तम में 6,8,12 वे भाव का स्वामी स्थित हों उस पर किसी शुभ ग्रह कि द्रष्टी या युति नहो शादी देर से करवाते हैं।
• कन्या की कुन्डली में सप्तमेश के साथ शनि स्थित होने से विवाह अधिक आयु में होता हैं।
• सूर्य, मंगल, बुध लगन में स्थित हो और गुरु बारहवें भाव में बैठा हो तो विवाह बडी आयु में होता हैं।
• लगन, सप्तम, बारहवें तीनो भाव में पाप ग्रह स्थित हों तथा पंचम भाव में चन्द्रमा कमजोर हो, तो विवाह नही होता यदि होता हैं तो संतान कि संभावना कम होती हैं।
• राहु की महादशा या अंतर्दशा में विवाह हो, या राहु सप्तम भाव को दूषित कर रहा हो, तो दिमागी भ्रम के कारण शादी होकर टूट जाती हैं या साथी से अलगाव होता हैं।
अविवाहित योग
• जन्म कुंडली में सप्तमेश अशुभ स्थान 6,8,12 वे भाव पर स्थित हों और सप्तमेश पर एक से अधिक पाप ग्रहो का प्रभाव हो तो जातक अविवाहित रहता हैं।
• लगन या चतुर्थ भाव में मंगल स्थित हो, सप्तम मेंभाव में शनि स्थित हो तो कन्या की रुचि शादी में नही होती हैं।
• सप्तमेश छ: आठ या बारहवें स्थान पर अस्त या नीच राशि का होकर बैठा हो, तो जातक अविवाहित रहता हैं।
• सप्तमेश बारहवें भाव में हो और लगनेश या राशि कास्वामी सप्तम में बैठा हो, तो जातक अविवाहित रहता हैं।
• चन्द्र शुक्र साथ स्थित हों, उस्से सप्तम स्थान पर मंगल और शनि स्थित हो अर्थात चंद्र और शुक्र कि युति से सप्तन भाव में मंगल शनि कि युति हो, तो जातक अविवाहित रहता हैं।
• शुक्र और मंगल दोनों सप्तम में हो, तो जातक अविवाहित रहता हैं।
• शुक्र किसी पाप ग्रह के साथ पंचम या सप्तम या नवम भाव में युति हो, तो जातक अविवाहित रहता हैं। और यदि हो जाये तो जातक जीवन साथी के वियोग से पीडित रहता हैं।
• सप्तम और बारहवे भाव में दो या दो से अधिक पाप ग्रह स्थित हो और पंचम भाव में चंद्र स्थित हो, तो जातक का विवाह नहीं होता
• जन्म कुंडली में शुक्र, बुध, शनि तीनो ग्रह नीच हों, तो जातक का विवाह नहीं होता।
• सूर्य स्पष्ट और सप्तम स्पष्ट बराबर का होने पर भी जातक का विवाह नहीं होता

जिसका उल्लेख आयुर्वेद में भी किया गया है। एक सर्वज्ञात "हल्दी" न केवल खाने में लज्जत और स्वाद देती है, यह एक आयुर्वेदिक औषधि भी है। यह निम्न तरीकों से उपयोग में लाई जा सकती है --- * एक गिलास गर्म मीठे दूध में एक चम्मच हल्दी पावडर मिलाकर पीने से शरीर की अंदरूनी चोट ठीक होती है। * हल्दी मिला मीठा गर्म दूध सुबह शाम लगातार पाँच दिन तक पीने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।...


जिसका उल्लेख आयुर्वेद में भी किया गया है।
एक सर्वज्ञात "हल्दी" न केवल खाने में लज्जत और स्वाद देती है, यह एक आयुर्वेदिक औषधि भी है।

यह निम्न तरीकों से उपयोग में लाई जा सकती है ---

* एक गिलास गर्म मीठे दूध में एक चम्मच हल्दी पावडर मिलाकर पीने से शरीर की अंदरूनी चोट ठीक होती है।

* हल्दी मिला मीठा गर्म दूध सुबह शाम लगातार पाँच दिन तक पीने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।

* एक चुटकी हल्दी प्रतिदिन लेने से भूख बढ़ती है। इसका सेवन करने से आँतों में भी लाभ पहुँचता है।

* हल्दी त्वचा के परजीवी जीवाणुओं को नष्ट करती है।

* हल्दी की गाँठ को पानी के साथ पीसकर लेप तैयार करें और इसका उबटन नहाने से पूर्व लगा लें। एक हफ्ते में आपको त्वचा में निखार लगेगा।

* थोड़ी-सी हल्दी में पिसा हुआ कपूर, थोड़ा-सा सरसों का तेल मिलाकर लेप तैयार करने से त्वचा पर होने वाले रोग दूर हो जाते हैं।

* दानेदार पिसी हल्दी को ताजी मलाई में भिगोकर चेहरे एवं हाथों पर लगाएँ। सूखने पर रगड़कर निकाल दें। गुनगुने पानी से चेहरा साफ करें। त्वचा खिल उठेगी।

* बेसन में सरसों का तेल, हल्दी व पानी मिलाकर गाढ़ा लेप तैयार करें। इस घोल को चेहरे व पूरे शरीर पर अच्छी तरह लगाकर सूखने पर निकाल दें। त्वचा चमकदार हो जाएगी।

* मासिक के समय पेट दर्द के वक्त गरम पानी के साथ हल्दी की फँकी लेने से रक्त प्रवाह ठीक होता है और दर्द से राहत मिलती है।

* छोटे बच्चों को खाँसी जुकाम होने पर आधा कप पानी में आधा छोटा चम्मच हल्दी पावडर, थोड़ा-सा गुड़, अजवाइन, एक लौंग मिलाकर उबालें। अच्छी तरह उबल जाने पर छानकर गुनगुना-सा हो तब चम्मच से पिला दें। बच्चे को न केवल सर्दी जुकाम से राहत मिलेगी, बल्कि पेट में यदि कब्ज होगा तो वह भी ठीक हो जाएगा।

* मैथी दाने और हल्दी का काढ़ा भी मासिक साफ होने के लिए लिया जा सकता है।

* सूजन पर हल्दी व चूने का लेप करने से सूजन उतर जाता है।

* बुजुर्गों का कहना है कि बगैर हल्दी का खाना अपशगुन होता है। दरअसल ऐसा उसके औषधीय गुणों की ही वजह से कहा जाता है।

* हल्दी एक प्रिजरवेटिव का ही काम करती है, इसीलिए अचार के मसाले का अभिन्न अंग है।

* नवजात शिशु को दिए जाने वाले 'घसारा' अर्थात 'घुट्टी' में आंबा हल्दी भी उसके आयुर्वेदिक गुणों की वजह से ही दी जाती है।

* तेज जुकाम होने पर हल्दी की धूनी अर्थात गरम जलते कंडे पर हल्दी जलाकर उससे उठने वाले धुएँ को सूँघने से सर्दी जुकाम से राहत मिलती है।

* कहा जाता है कि एक चम्मच हल्दी प्रतिदिन सेवन करने से भूख बढ़ती है। अमाशय एवं आँतों की सफाई होती है।

* कटने या लगने पर रक्तस्राव को रोकने के लिए भी शुद्ध हल्दी पावडर चोट पर लगाया जाता है, जिससे रक्तस्राव तुरंत रुक जाता है।

* हल्दी एक अच्छा एंटीसेप्टिक एवं एंटीबायोटिक है, जिसका उल्लेख आयुर्वेद में भी किया गया है।

Friday 9 January 2015

मूलांक 9 : यह वर्ष उठापटक वाला रहेगा।...


कारोबार की उन्नति के लिए यह अनुकूल समय है
कारोबार की उन्नति के लिए यह अनुकूल समय है
मूलांक 1 :

यह वर्ष कठिन श्रम करने वाला रहेगा। शिक्षा व करियर की दृष्टि से एकाग्रता व परिश्रम की आवश्यकता रहेगी। सफलता मिलेगी। नौकरी आदि में मनोनुकूल परिवर्तन नहीं होंगे। कारोबार में लाभ की स्थिति बनेगी तथा भवन-मशीन वाहन आदि में अधिक खर्च की स्‍थिति बनेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। थकान व तनाव को हावी न होने दें।सूर्य प्रधान व्यक्तित्व होने के कारण हर माह आप अपने स्वभाव परिवर्तन अनुभव करते हैं. किसी से अपेक्षा करने की बजाय, इस वर्ष अपको स्वयं को सकारात्मक रूप से विकसित करना होगा. 
व्यवसाय, करियर: व्यवसाय में प्रगति और पदोन्नति होने की संभावना है.

मूलांक 2 :

यह वर्ष सफलता दिलाने वाले रहेगा। शिक्षा व करियर में सफलता निश्चित मिलेगी। नौकरी आदि में मनचाहा परिवर्तन तथा तबादला होगा। कारोबार में भवन व मशीनरी की खरीदी पर व्यय होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से स्नायु विकार, कोष्टबद्धता तथा जलोदर इत्यादि से बचना होगा। मित्रता, प्रेम के लिए 1 तथा 7 मूलांक वाले जातक अनुकूल होंगे। रविवार व सोमवार को शुभ कार्य करें। सफेद व हल्के रंगों का प्रयोग जीवन में करें, लाभ होगा।

मूलांक 3 :

यह वर्ष परेशानियां व रुकावटें देने वाला रहेगा। शिक्षा के लिए व करियर की दृष्टि से अधिकाधिक मेहनत व एकाग्रता की आवश्यकता है। एडमिशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि विषय बदलना पड़े। नौकरी आदि में मनचाहा तबादला, प्रमोशन नहीं मिल सकेगा। प्रतियोगी, प्रतिद्वंद्वी सामने होंगे। कारोबार की स्थिति भी ठीक नहीं होगी। कच्चा माल मिलने की दिक्कतें होंगी तथा मौसम भी अनुकूल नहीं होगा। प्रेम, मित्रता आदि में 3-6-9 मूलांक के जातक शुभ रहेंगे।

मूलांक 4 :

यह वर्ष भरपूर खुशियां लेकर आ रहा है। शिक्षा व करियर की दृष्टि से कामयाबी कदम चूमेगी। मनचाहा पदभार, प्रमोशन तथा परिवर्तन होगा। कारोबार में नई ऊंचाइयां छूने को मिलेंगी। नए अनुबंध होंगे तथा नए उपक्रम चालू हो सकते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से पेट संबंधी, आंतों की शोथ इत्यादि तथा स्मरण-शक्ति की समस्या हो सकती है। रक्ताल्पता भी तकलीफ देगी। छूत से बचें। विवाह, प्रेम व मित्रता के लिए 1-2-7-8 मूलांक वाले जातक अनुकूल रहेंगे।

मूलांक 5 :

यह वर्ष ठीक-ठीक रहेगा। शिक्षा व करियर की दृष्टि से यह वर्ष पिछले वर्षों की अपेक्षा अधिक अनुकूल रहेगा। मनचाही पदोन्नति, तबादले होंगे। जवाबदारियां बढ़ेंगी। कारोबार की उन्नति के लिए यह अनुकूल समय है। नई योजनाएं बनेंगी। नए उपक्रम प्रारंभ होंगे। स्वास्थ्य की दृष्टि से चर्मरोग, रक्तविकार, शरीर दुर्बलता, सिरदर्द, स्नायु विकार, हृदयाघात आदि की आशंका है। विवाह व प्रेम की दृष्टि से मूलांक 5 वाले ही अनुकूल रहेंगे। बुधवार तथा शुक्रवार को शुभ कार्य करें।

मूलांक 6 :

यह वर्ष अनुकूलता देने वाला रहेगा। शिक्षा व करियर की दृष्टि से सफलता निश्चित है। नौकरी आदि में प्रमोशन, तबादला मनमाफिक होगा। कारोबार में नए उपक्रम चालू हो सकते हैं। श्रमिक संबंधी समस्या हो सकती है। भवन-मशीन आदि पर काफी खर्च होगा। भाग्य की अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक रहेगा। बुखार, सर्दी, जुकाम इत्यादि की समस्या हो सकती है। हल्का नीला रंग भाग्यवर्धक है। 3-6-9 मूलांक व्यक्ति आपके अनुकूल होंगे।

मूलांक 7:

यह वर्ष जोखिम उठाने वाला नहीं रहेगा, क्योंकि स्वभाव से साहसी ये व्यक्ति आगा-पीछा नहीं सोचते, लेकिन यह वर्ष ध्यान रखें। शिक्षा व करियर में कड़ी स्पर्धा रहेगी। कुछ रुकावटों के साथ सफलता मिलेगी। नौकरी में मनचाहे फेरबदल नहीं होंगे। प्रयास करना होगा। कारोबार में बिजली, पानी तथा श्रमिकों की समस्या हो सकती है। नए उपक्रम सोच-समझकर चालू करें। विवाह व प्रेम की दृष्टि से 1-2-4-7 अंकों का समायोजन शुभ रहेगा। सफेद, हरा, हल्का नीला रंग अनुकूलता देगा। स्वास्थ्य में कब्जियत, गुप्त रोग, गठिया तथा वात संबंधी बीमारियों से बचें। शारीरिक क्षीणता भी हो सकती है।

मूलांक 8 :

यह वर्ष सुख-समृद्धि तथा सफलता प्राप्ति का रहेगा। शिक्षा व करियर में सुनिश्चित सफलता के योग हैं। नौकरी में मनचाहा परिवर्तन, प्रमोशन मिलेगा। कारोबार में नए उपक्रमों की शुरुआत होगी। भवन, मशीन व वाहन की प्राप्ति निश्चित है। गठिया, हृदयरोग तथा हड्डी का टूटना संभव है। शनिवार शुभ दिवस है। इस दिन शुभ कार्य प्रारंभ करें। सलेटी, काला, नीला रंग जीवन में अत्यधिक वापरें।

मूलांक 9 :

यह वर्ष उठापटक वाला रहेगा। शिक्षा व करियर की दृष्टि से कष्टसाध्य श्रम तथा प्रतिद्वंद्विता का सामना करना पड़ेगा। नौकरी आदि में अपने प्रमुख व्यक्तियों से अनबन हो सकती है। मनचाहे परिवर्तन नहीं होंगे। प्रमोशन आदि के लिए इंतजार करना पड़ेगा। कारोबारी अड़चनें मुंहबाएं खड़ी रहेंगी। जोखिम न उठाएं। स्वास्थ्य की दृष्टि से रक्त विकार, कमजोरी, मिर्गी, स्त्रियों को स्त्री रोगों का सामना करना पड़ेगा। न्यायालय के चक्कर भी लग सकते हैं। अनुकूल व्यक्ति 3-6-9 मूलांक वाले रहेंगे। शुभ दिन मंगलवार, गुरुवार हैं। शुभ रंग गुलाबी व लाल हैं जिनका प्रयोग अधिक करें।शिक्षा व करियर की दृष्टि से एकाग्रता व परिश्रम की आवश्यकता रहेगी। सफलता मिलेगी। नौकरी आदि में मनोनुकूल परिवर्तन नहीं होंगे। कारोबार में लाभ की स्थिति बनेगी तथा भवन-मशीन वाहन आदि में अधिक खर्च की स्‍थिति बनेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। थकान व तनाव को हावी न होने दें।सूर्य प्रधान व्यक्तित्व होने के कारण हर माह आप अपने स्वभाव परिवर्तन अनुभव करते हैं. किसी से अपेक्षा करने की बजाय, इस वर्ष अपको स्वयं को सकारात्मक रूप से विकसित करना होगा. 
व्यवसाय, करियर: व्यवसाय में प्रगति और पदोन्नति होने की संभावना है.

मूलांक 2 :

यह वर्ष सफलता दिलाने वाले रहेगा। शिक्षा व करियर में सफलता निश्चित मिलेगी। नौकरी आदि में मनचाहा परिवर्तन तथा तबादला होगा। कारोबार में भवन व मशीनरी की खरीदी पर व्यय होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से स्नायु विकार, कोष्टबद्धता तथा जलोदर इत्यादि से बचना होगा। मित्रता, प्रेम के लिए 1 तथा 7 मूलांक वाले जातक अनुकूल होंगे। रविवार व सोमवार को शुभ कार्य करें। सफेद व हल्के रंगों का प्रयोग जीवन में करें, लाभ होगा।

मूलांक 3 :

यह वर्ष परेशानियां व रुकावटें देने वाला रहेगा। शिक्षा के लिए व करियर की दृष्टि से अधिकाधिक मेहनत व एकाग्रता की आवश्यकता है। एडमिशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि विषय बदलना पड़े। नौकरी आदि में मनचाहा तबादला, प्रमोशन नहीं मिल सकेगा। प्रतियोगी, प्रतिद्वंद्वी सामने होंगे। कारोबार की स्थिति भी ठीक नहीं होगी। कच्चा माल मिलने की दिक्कतें होंगी तथा मौसम भी अनुकूल नहीं होगा। प्रेम, मित्रता आदि में 3-6-9 मूलांक के जातक शुभ रहेंगे।

मूलांक 4 :

यह वर्ष भरपूर खुशियां लेकर आ रहा है। शिक्षा व करियर की दृष्टि से कामयाबी कदम चूमेगी। मनचाहा पदभार, प्रमोशन तथा परिवर्तन होगा। कारोबार में नई ऊंचाइयां छूने को मिलेंगी। नए अनुबंध होंगे तथा नए उपक्रम चालू हो सकते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से पेट संबंधी, आंतों की शोथ इत्यादि तथा स्मरण-शक्ति की समस्या हो सकती है। रक्ताल्पता भी तकलीफ देगी। छूत से बचें। विवाह, प्रेम व मित्रता के लिए 1-2-7-8 मूलांक वाले जातक अनुकूल रहेंगे।

मूलांक 5 :

यह वर्ष ठीक-ठीक रहेगा। शिक्षा व करियर की दृष्टि से यह वर्ष पिछले वर्षों की अपेक्षा अधिक अनुकूल रहेगा। मनचाही पदोन्नति, तबादले होंगे। जवाबदारियां बढ़ेंगी। कारोबार की उन्नति के लिए यह अनुकूल समय है। नई योजनाएं बनेंगी। नए उपक्रम प्रारंभ होंगे। स्वास्थ्य की दृष्टि से चर्मरोग, रक्तविकार, शरीर दुर्बलता, सिरदर्द, स्नायु विकार, हृदयाघात आदि की आशंका है। विवाह व प्रेम की दृष्टि से मूलांक 5 वाले ही अनुकूल रहेंगे। बुधवार तथा शुक्रवार को शुभ कार्य करें।

मूलांक 6 :

यह वर्ष अनुकूलता देने वाला रहेगा। शिक्षा व करियर की दृष्टि से सफलता निश्चित है। नौकरी आदि में प्रमोशन, तबादला मनमाफिक होगा। कारोबार में नए उपक्रम चालू हो सकते हैं। श्रमिक संबंधी समस्या हो सकती है। भवन-मशीन आदि पर काफी खर्च होगा। भाग्य की अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक रहेगा। बुखार, सर्दी, जुकाम इत्यादि की समस्या हो सकती है। हल्का नीला रंग भाग्यवर्धक है। 3-6-9 मूलांक व्यक्ति आपके अनुकूल होंगे।

मूलांक 7:

यह वर्ष जोखिम उठाने वाला नहीं रहेगा, क्योंकि स्वभाव से साहसी ये व्यक्ति आगा-पीछा नहीं सोचते, लेकिन यह वर्ष ध्यान रखें। शिक्षा व करियर में कड़ी स्पर्धा रहेगी। कुछ रुकावटों के साथ सफलता मिलेगी। नौकरी में मनचाहे फेरबदल नहीं होंगे। प्रयास करना होगा। कारोबार में बिजली, पानी तथा श्रमिकों की समस्या हो सकती है। नए उपक्रम सोच-समझकर चालू करें। विवाह व प्रेम की दृष्टि से 1-2-4-7 अंकों का समायोजन शुभ रहेगा। सफेद, हरा, हल्का नीला रंग अनुकूलता देगा। स्वास्थ्य में कब्जियत, गुप्त रोग, गठिया तथा वात संबंधी बीमारियों से बचें। शारीरिक क्षीणता भी हो सकती है।

मूलांक 8 :

यह वर्ष सुख-समृद्धि तथा सफलता प्राप्ति का रहेगा। शिक्षा व करियर में सुनिश्चित सफलता के योग हैं। नौकरी में मनचाहा परिवर्तन, प्रमोशन मिलेगा। कारोबार में नए उपक्रमों की शुरुआत होगी। भवन, मशीन व वाहन की प्राप्ति निश्चित है। गठिया, हृदयरोग तथा हड्डी का टूटना संभव है। शनिवार शुभ दिवस है। इस दिन शुभ कार्य प्रारंभ करें। सलेटी, काला, नीला रंग जीवन में अत्यधिक वापरें।

मूलांक 9 :

यह वर्ष उठापटक वाला रहेगा। शिक्षा व करियर की दृष्टि से कष्टसाध्य श्रम तथा प्रतिद्वंद्विता का सामना करना पड़ेगा। नौकरी आदि में अपने प्रमुख व्यक्तियों से अनबन हो सकती है। मनचाहे परिवर्तन नहीं होंगे। प्रमोशन आदि के लिए इंतजार करना पड़ेगा। कारोबारी अड़चनें मुंहबाएं खड़ी रहेंगी। जोखिम न उठाएं। स्वास्थ्य की दृष्टि से रक्त विकार, कमजोरी, मिर्गी, स्त्रियों को स्त्री रोगों का सामना करना पड़ेगा। न्यायालय के चक्कर भी लग सकते हैं। अनुकूल व्यक्ति 3-6-9 मूलांक वाले रहेंगे। शुभ दिन मंगलवार, गुरुवार हैं। शुभ रंग गुलाबी व लाल हैं जिनका प्रयोग अधिक करें।