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Friday 14 November 2014

सभी क्षेत्रो मे प्रवेश की यह महाकुंजी है अब मन्त्र विद्या और कुण्डलिनी रहस्य का वो राज खोल ही देता हूँ जिस विद्या का प्रयोग करके साधारण संत महात्मा महामानव बन जाते है ....


सभी क्षेत्रो मे प्रवेश की यह महाकुंजी है
अब मन्त्र विद्या और कुण्डलिनी रहस्य का वो राज खोल ही देता हूँ जिस विद्या का प्रयोग करके साधारण संत महात्मा महामानव बन जाते है और समस्त शक्तिओ को शीघ्र धारण कर पूजनीय बन जाते है 
और साधारण मानव को योग्य न मानकर उन सभी को इस विद्या का रहस्य नही बताते 
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मित्रो आज शाम तक मैं आपके विचारो का review को देखता हूँ

।इस मन्त्र दुआरा महामृत्युंज्य , गणेश , महाकाली ,ज्वाला देवी ,रुद्र शक्ति , प्रकृति दस महाविद्याएं , जृम्भनी इत्यादि । भैरवी , खेचरी से लेकर पार्वती का भी इस मन्त्र के द्वारा जागरण सम्पन्न हो जाता है । स्तम्भन , मारण , मोहन , शत्रुनाश , सिद्धि , प्राप्ति , विजय प्राप्ति , ज्ञान प्राप्ति अर्थात सभी क्षेत्रो मे प्रवेश की यह महाकुंजी है

।प्रतिदिन प्रातःकाल इस मन्त्र का नियमित 5 माला जप करने से सभी प्रकार के विघ्न – बाधा नष्ट हो जाते हैं व परम सिद्धि प्राप्त होती है|
इसके जप से काम – क्रोध का मारण, इष्टदेव का मोहन, मन का वशीकरण, इन्द्रियों की विषय – वासनाओं का स्तम्भन और मोक्ष प्राप्ति हेतु उच्चाटन आदि कार्य सफल होते हैं
|| मन्त्र ||

||ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे || ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ||
ये 51 अक्षरी मन्त्र 51 शक्ति पीठो से समन्वित है 
9 लाख जप से पूर्ण सिद्धि मिलती —

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