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Saturday 16 August 2014

माँ हिंगलाज वंदना श्री राम चंदर जी ने रावण संहार के दोसो से मुक्ति हेतु माँ हिंगलाज की शरणागत ली माँ हिंगलाज ही एकमात्र देवी हैं ....


आनन्द कंद दायिनी हृदय कपाट खोलनी
               आदेश आदेश
            जय माँ हिंगलाज 
     माँ हिंगलाज वंदना श्री राम चंदर जी 
ने रावण संहार के दोसो से मुक्ति हेतु माँ हिंगलाज की शरणागत ली माँ हिंगलाज ही एकमात्र देवी हैं जो जनम जन्मान्तर के पापो को नस्ट करके हमें गति देती हैं माँ की महिमा अति अनंत हैं कोई भी योगी इनकी सहायता के बिना आपने शरीर में स्थित चकरो जाग्रत नहीं कर सकता एवम जनम मरण के बंधन से मुक्त नहीं हो सकता यह शिव कथन हैं महादेव की आज्ञा से ही भगवान राम ने माँ हिंगलाज की अराधना करके आपने मनुष्य शरीर का उद्धार किया ।।।आदेश आदेश
* प्रचंड दंड बाहु चंडयोग निद्रा भैरवी भुजंग केश कुण्डलाय कंठला मनोहरी निकंद कामक्रोध दैत्य असुर कल मर्दनी नमोस्तुमात हिंगुलाज निर्मला निरंजनी ...

रक्त सिंह आसनी, सावधान शंकरी कुठार खडग खप्र धार कर दलन महेश्वरी निशुम्भ शुम्भ रक्तबीज दैत्य तेज भंजनी नमोस्तुमात हिंगुलाज निर्मला निरंजनी ...

जवाहर रत्न बेल केल सर्व कर्म लोलनी व्याल भाल चन्द्रकेतु पुष्प मालमेखली चंड मुंड गर्जनी सुनाद विन्ध्यवासिनी नमोस्तुमात हिंगुलाज निर्मला निरंजनी ...

गजेन्द्र चालकाल धूमकेतुचाल लोचनी उदार नेत्र तिमिर नाश सुशोभशेष शांकरी अनादि सिद्ध साध लोक सप्तद्वीप विराजनी नमोस्तुमात हिंगुलाज निर्मला निरंजनी ...

शैल शिखर राजनीजोग जुगत कारिणी चंड मुंड चूर कर सहस्त्र भुजाधारिणी कराल केश भेष भूतअनन्त रूप दायिनी नमोस्तुमात हिंगुलाज निर्मला निरंजनी ...

कलोललोल लोचनी आनन्द कंद दायिनी हृदय कपाट खोलनी सुशेष शब्द भाषिणी धर्मकर्मजन्म जातभक्ति मुक्ति दायिनी नमोस्तुमात हिंगुलाज निर्मला निरंजनी ...

अलोक लोक राजनी दिव्य देव वर दायिनी त्रिलिक शोक हारिणी सत्य वाक्य बोलनी आदि अन्त मध्य मात तेरो रूप सर्जनी नमोस्तुमात हिंगुलाज निर्मला निरंजनी ...

कुबेर वरुण इन्द्रादि सिद्ध साध रंचनी अगम्य पंथ दर्श मात जन्म कष्ट हारिणी श्री रामचंद्र शरण मात अमर पद दायिनी नमोस्तुमात हिंगुलाज निर्मला निरंजनी ..

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