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Tuesday 3 June 2014

आशीर्वाद का पात्र बन जाता है। माँ दुर्गा के मनोकामना पूर्ति मंत्र : विजय **************************************** माँ दुर्गा के सप्तशती में कुछ ऐसे सिद्ध मंत्र हैं, जिनके द्वारा हम अपनी मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं।.....


आशीर्वाद का पात्र बन जाता है।
माँ दुर्गा के मनोकामना पूर्ति मंत्र : विजय 
****************************************
माँ दुर्गा के सप्तशती में कुछ ऐसे सिद्ध मंत्र हैं, जिनके
द्वारा हम अपनी मनोकामना की पूर्ति कर
सकते हैं।
कैसे करें जाप 
नवरात्रि के प्रतिपदा के दिन घटस्थापना के बाद
संकल्प लेकर प्रातः स्नान करके दुर्गा की मूर्ति या चित्र
की पंचोपचार या दक्षोपचार या षोड्षोपचार से गंध, पुष्प,
धूप दीपक नैवेद्य निवेदित कर पूजा करें। मुख पूर्व
या उत्तर दिशा की ओर रखें। शुद्ध-पवित्र आसन
ग्रहण कर रुद्राक्ष, तुलसी या चंदन
की माला से मंत्र का जाप एक माला से पाँच माला तक पूर्ण
कर अपना मनोरथ कहें। पूरी नवरात्रि जाप करने से
मनोवांच्छित कामना अवश्य पूरी होती है।

* सर्वविघ्ननाशक मंत्र-
सर्वबाधा प्रशमनं त्रेलोक्यस्यखिलेशवरी।
एवमेय त्वया कार्य मस्माद्वैरि विनाशनम्॥
* ऐश्वर्य प्राप्ति एवं भय मुक्ति मंत्र-
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः।
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥
* विपत्तिनाशक मंत्र-
शरणागतर्दिनार्त परित्राण पारायणे।
सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोऽतुते॥
* स्वप्न में कार्य-सिद्धि के लिए-
दुर्गे देवी नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके।
मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।।
* दरिद्रता नाश के लिए-
दुर्गेस्मृता हरसि भतिमशेशजन्तो: स्वस्थैं:
स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दरिद्रयदुखभयहारिणी कात्वदन्या सर्वोपकारकरणाय
सदार्द्रचित्ता।।
* सर्वकल्याण के लिए- 
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥
* आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए-
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥
* बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए-
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥
* सुलक्षणा पत्नी प्राप्ति के लिए-
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्ग संसारसागस्य कुलोद्भवाम्।।
* शत्रु नाश के लिए-

ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं
स्तंभय जिह्वाम् कीलय बुद्धिम्विनाशाय
ह्रीं ॐ स्वाहा।।

उपरोक्त सारे मंत्र विधिनुसार करने पर मनुष्य माता के
आशीर्वाद का पात्र बन जाता है।

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