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Tuesday 3 June 2014

जिसे पाकर हम सच्चे सुख की प्राप्ति कर सकते हैं। जानिए, किसी व्यक्ति को वश में कैसे करें...... सभी को किसी ना किसी को अपने वश में करना है। जो लोग लालची हैं....


जिसे पाकर हम सच्चे सुख की प्राप्ति कर सकते हैं।
जानिए, किसी व्यक्ति को वश में कैसे करें......

सभी को किसी ना किसी को अपने वश में करना है। जो लोग लालची हैं
उन्हें धन से वश में करें, जो लोग घमंडी हैं उन्हें मान-सम्मान देकर,
जो मूर्ख हैं उनकी प्रशंसा करके और जो लोग विद्वान हैं उन्हें ज्ञान
की बातों से वश में किया जा सकता है। वशीकरण है क्या...?
यही कि जो आप बोलें, जो आप चाहें... वह ही हो जाए।
कर्मचारी चाहता है कि उसका बॉस उसके वश में हो, पत्नी सोचती है
पति वश में रहे, पति की भी सोच ऐसी ही रहती है। कोई दोस्त को अपने
वश में करना चाहता है तो कोई अपनी औलाद को।
लड़कों को लड़कियों को वश में करना है तो लड़कियों को लड़के अपने वश में
चाहिए।
वशीकरण के लिए सबसे जरूरी है ध्यान...। एक जगह, एक बिंदू, एक
स्थान, किसी भी उस वस्तु पर जिसे अपने वश में करना हो उसके लिए
अपना मन केंद्रित करना ही ध्यान है। ध्यान से आपके शरीर में अद्भूत
ऊर्जा का विकास होगा। भगवान शिव के बारे सभी जानते ही हैं वे युगों-
युगों तक ध्यान में रहते हैं। जितना आप मेडिटेशन करेंगे आपके चेहरे पर
तेज बढ़ जाएगा, एक मधुर मुस्कान सदा आपके चेहरे पर खिली दिखाई
देगी, आपका व्यक्तित्व निखर जाएगा, आपके चलने, बोलने में
आत्मविश्वास दिखाई देगा। जब ऐसा होने लगेगा तो जब आप बोलना शुरू
करेंगे वहां सभी आपको ही सुनते दिखाई देंगे, आपकी मधुर मुस्कान और
चेहरे की चमक के आगे आपका बॉस, आपका जीवन साथी, आपके मित्र
आसानी से आपका कहा मान लेंगे। बस यही है वशीकरण का आसान और
सुगम मार्ग
वशीकरण तिलक लगाने से किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है।
शुद्ध सिन्दूर, शुद्ध केसर, शुद्ध गोरोचन को समान मात्रा में लेकर
किसी चांदी की डिबिया या कटोरी में रख लें। प्रातः सूर्योदय के उपरांत
इस डिबिया में से तिलक लेकर भृकुटि के मध्य आज्ञाचक्र पर लगाएं।
यह चक्र हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है, जहां शरीर
की प्रमुख तीन नाडि़यां इड़ा, पिंगला व सुषुम्ना आकर मिलती हैं, इसलिए
इसे त्रिवेणी या संगम भी कहा जाता है। तिलक लगाते वक्त निम्नलिखित
मन्त्र का जाप करें ऊँ नमः सर्व लोक वशंकराय कुरु कुरु स्वाहा।
1. तिलक के अभाव में सत्कर्म सफल नहीं होते। देव पूजन, मंत्र जप,
होम तीर्थ शौच आदि कार्यों में नीचे से ऊपर की ओर अर्ध्वपुण्द्र
लगाकर शुभ कृत्य करने चाहिए।
2. तिलक बैठकर लगाना चाहिए। भगवान पर चढ़ाने से बचे हुए चन्दन
को ही लगाना चाहिए।
3. माथे पर तिलक लगाना प्रतीक है कि दोनों आंखों के बीच में उस परम
शक्ति का या परमात्मा का निवास है जिसे पाकर हम सच्चे सुख
की प्राप्ति कर सकते हैं।
4. जब भी हम किसी परेशानी में होते हैं तो हमारा हाथ अपने आप ही माथे
पर चला जाता है क्योंकि हमारी सारी परेशानियां उस परमलोक मे जाकर
ही समाप्त होती हैं

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