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Tuesday 24 June 2014

एक ज्योतिषी के साथ वार्तालाप प्रश्न-कर्ता--- क्या आप किसी का भाग्य बदल सकते हैं ? ज्योतिषी--- ....

एक ज्योतिषी के साथ वार्तालाप
प्रश्न-कर्ता---
क्या आप किसी का भाग्य बदल सकते हैं ?
ज्योतिषी---
जी नहीं ! मगर हम ये बता सकते हैं कि किसी जातक का भाग्योदय कब होने वाला है,अगर भाग्योदय में कोई बाधा है तो वो क्या करने से दूर होगी। एक अच्छे और ज्ञानी ज्योतिषी कि सलाह भले ही आपका भाग्य नहीं बदल सकती किन्तु जीवन जरूर बदल सकती है ।
प्रश्न-कर्ता---
क्या रत्न, उपाय इत्यादि काम करते हैं ?
ज्योतिषी---
जी हाँ बिलकुल करते हैं। क्या एक कमजोर इंसान को विटामिन की गोलियाँ दो तो उसका स्वास्थ्य अच्छा नहीं होता ? मगर कोई इंसान ये आशा नहीं कर सकता कि विटामिन की गोलियाँ खाकर गामा पहलवान बन जायेगा। उसका स्वास्थ्य उतना अच्छा होगा जितना उसका शरीर झेल सकता है। अब कोई रत्न या उपाय से टाटा-बिरला बनने की सोचता है तो ये गलत बात है।
प्रश्न-कर्ता---
मगर कई लोग तो ये कह कर रत्न पहना देते है की इसे पहन लेने से सरकारी नौकरी मिल जाएगी ?
क्या ये संभव है?
ज्योतिषी---
जी नहीं-अगर कुंडली में सरकारी नौकरी का योग है और जो ग्रह सरकारी नौकरी देने की क्षमता रखता है वो यदि किसी कारण से कमजोर है तब उस ग्रह का रत्न पहनने से संभव है-किन्तु यदि कुंडली में योग नहीं है तो कोई भी रत्न पहन लेने से सरकारी नौकरी नहीं मिल जाएगी। अक्सर देखा गया है कई लोग सरकारी नौकरी के चक्कर में माणिक्य रत्न धारण कर लेते हैं जो कि गलत है।
प्रश्न-कर्ता---
क्या मांगलिक दोष वास्तविकता में होता है ?
ज्योतिषी---
जी हाँ अवश्य होता है किन्तु ये एक ज्योतिषी पर निर्भर करता है कि वह शुभ और अशुभ मंगल में अंतर कर सके, सिर्फ १,४,७,८,१२ भाव में मंगल देखते ही मांगलिक दोष होने की घोषणा नहीं कर देनी चाहिए।
प्रश्न-कर्ता---
काल-सर्प दोष का बहुत हल्ला सुनाई देता है आपका क्या विचार है इस पर ?
ज्योतिषी--
कालसर्प दोष का वर्णन ज्योतिष के किसी भी शास्त्र में नहीं है, यह सिर्फ अल्पज्ञों द्वारा फैलाई गई एक भ्रान्ति है, हाँ नागदोष का वर्णन जरूर मिलता है, यदि कालसर्प-दोष भी है तो फिर योग भी है। कई कुण्डलियों के अध्ययन के बाद पता चला है कि कालसर्प दोष व्यक्ति को कष्ट भी देता है तो राजयोग भी प्रदान करता है। यह कुण्डली देखने के बाद ही निर्धारित किया जा सकता है कि जातक के लिये कालसर्प दोष है या योग ?

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