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Wednesday 7 May 2014

कुछ रन्झ कुछ गम कुछ आहों मैं कट गई, बाकी की जो रही वोह गुनाहों मैं कट गई............


राहें बदलने वालों की राहों मैं कट गई,

कुछ रन्झ कुछ गम कुछ आहों मैं कट गई,
बाकी की जो रही वोह गुनाहों मैं कट गई,
इक राह पे जो चले वोह मंज़िल को पा गए,
राहें बदलने वालों की राहों मैं कट गई..........

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