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Friday 25 April 2014

हर समस्या का रामबाण उपाय इसे कहते हैं हर समस्या का रामबाण उपाय -- गोमती चक्र के अचूक प्रयोग और परेशानी खत्म========================== =====


हर समस्या का रामबाण उपाय
इसे कहते हैं हर समस्या का रामबाण उपाय --
गोमती चक्र के अचूक प्रयोग और
परेशानी खत्म==========================
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गोमती चक्र समुन्द्र से प्राप्त एक दुर्लभ और
चमत्कारी तंत्रोक्त वास्तु है जो कि मनुष्य के
जीवन में आने वाली हर कठिनाई को दूर करने
में सक्षम है. और जिसका उपयोग धन समृद्धि से सम्बंधित साधनाओ
में अक्सर किया जाता है. ..
परेशानी जीवन का दूसरा नाम है। मनुष्य के
जीवन में आए दिन
परेशानियां आती रहती है। कुछ समस्याएं
तुरंत हल हो जाती हैं तो कुछ लंबे समय तक कष्ट
देती हैं। कुछ साधारण तांत्रिक उपाय कर इन परेशानियों से
छुटकारा मिल सकता है। गोमती चक्र के कुछ साधारण
तांत्रिक उपाय नीचे लिखे हैं इन्हें करने से अनेक
परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है।
गोमती चक्र एक ऐसा पत्थर है
तो गोमती नदी में मिलता है। इसका उपयोग
तंत्र क्रियाओं में विशेष तौर पर किया जाता है।
उपाय
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1- व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उन्हें एक
कपड़े में बांधकर ऊपर चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके
नीचे से निकले तो निश्चय ही व्यापार में
वृद्धि होती है।
२- पुत्र प्राप्ति के लिए पांच गोमती चक्र लेकर
किसी नदी या तालाब में
हिलि हिलि मिलि मिलि चिलि चिलि हुक पांच बोलकर विसर्जित करें, पुत्र
प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
3- पेट संबंधी रोग होने पर 10 गोमती चक्र
लेकर रात को पानी में डाल दें तथा सुबह उस
पानी को पी लें। इससे पेट संबंध के विभिन्न
रोग दूर हो जाते हैं।
4- यदि बार-बार गर्भ गिर रहा हो तो दो गोमती चक्र लाल
कपड़े में बांधकर कमर में बांध दें तो गर्भ गिरना बंद हो जाता है।
5- यदि कोई कचहरी जाते समय घर के बाहर
गोमती चक्र रखकर उस पर दाहिना पांव रखकर जाए
तो उस दिन कोर्ट-कचहरी में सफलता प्राप्त
होती है।
6- यदि शत्रु बढ़ गए हों तो जितने अक्षर का शत्रु का नाम है उतने
गोमती चक्र लेकर उस पर शत्रु का नाम लिखकर उन्हें
जमीन में गाड़ दें तो शत्रु परास्त हो जाएंगे।
7- सर्वसिद्धि योग तथा रविपुष्य योग पर इनकी पूजा करने
से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
8-यदि पति-पत्नी में मतभेद हो तो तीन
गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में हलूं बलजाद
कहकर फेंद दें, मतभेद समाप्त हो जाएगा।
9- प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक
गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और
सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें। निश्चय ही प्रमोशन के
रास्ते खुल जाएंगे।
10- व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उसे
बांधकर ऊपर चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके
नीचे से निकले तो निश्चय ही व्यापार में
वृद्धि होती है।
11- यदि गोमती चक्र को लाल सिंदूर के
डिब्बी में घर में रखें तो घर में सुख-
शांति बनी रहती है।
12- धन लाभ के लिए 11 गोमती चक्र अपने पूजा स्थान
में रखें। उनके सामने श्री नम: का जप करें। इससे आप
जो भी कार्य या व्यवसाय करते हैं उसमें बरकत
होगी और आमदनी बढऩे
लगेगी।
13-
गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य
धातु की डिब्बी में सिंदूर तथा चावल डालकर
रखें तो ये शीघ्र शुभ फल देते हैं।
सात गोमती चक्रों को शुक्ल पक्ष के प्रथम
अथवा दीपावली पर लाल वस्त्र में अभिमंत्रित
कर पोटली बना कर धन स्थान पर रखें ।
14. यदि आपको अचानक आर्थिक हानि होती हो,
तो किसी भी मास के प्रथम सोमवार को २१
अभिमन्त्रित गोमती चक्रों को पीले अथवा लाल
रेशमी वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रखकर
हल्दी से तिलक करें । फिर
मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए उस
पोटली को लेकर सारे घर में घूमते हुए घर के बाहर
आकर किसी निकट के मन्दिर में रख दें ।
15. यदि आपके परिवार में खर्च अधिक होता है, भले
ही वह किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए
ही क्यों न हो, तो शुक्रवार को २१ अभिमन्त्रित
गोमती चक्र लेकर पीले या लाल वस्त्र पर
स्थान देकर धूप-दीप से पूजा करें । अगले दिन उनमें से
चार गोमती चक्र उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक गाड़
दें । १३ चक्रों को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रख
दें और शेष किसी मन्दिर में
अपनी समस्या निवेदन के साथ प्रभु को अर्पित कर दें ।
16. यदि आप अधिक आर्थिक समृद्धि के इच्छुक हैं, तो अभिमंत्रित
गोमती चक्र और
काली हल्दी को पीले कपड़े में
बांधकर धन रखने के स्थान पर रखें ।
17. यदि आपके गुप्त शत्रु अधिक
हों अथवा किसी व्यक्ति की काली नज़र
आपके व्यवसाय पर लग गई हो, तो २१ अभिमंत्रित
गोमती चक्रों व तीन लघु नारियल को पूजा के
बाद पीले वस्त्र में बांधकर मुख्य द्वारे पर लटका दें ।
18. यदि आपको नजर जल्दी लगती हो,
तो पाँच गोमती चक्र लेकर किसी सुनसान स्थान
पर जायें । फिर तीन चक्रों को अपने ऊपर से सात बार
उसारकर अपने पीछे फेंक दें तथा पीछे देखे
बिना वापस आ जायें । बाकी बचे
दो चक्रों को तीव्र प्रवाह के जल में
प्रवाहीत कर दें ।
19. यदि आप कितनी भी मेहनत क्यों न
करें, परन्तु आर्थिक समृद्धि आपसे दूर रहती हो और
आप आर्थिक स्थिति से संतुष्ट न होते हों, तो शुक्ल पक्ष के
प्रथम गुरुवार को २१ अभिमंत्रित गोमती चक्र लेकर घर के
पूजा स्थल में मां लक्ष्मी व श्री विष्णु
की तस्वीर के समक्ष पीले
रेशमी वस्त्र पर स्थान दें । फिर रोली से
तिलक कर प्रभु से अपने निवास में स्थायी वास करने
का निवेदन तथा समृद्धि के लिए प्रार्थना करके
हल्दी की माला से “ॐ नमो भगवते
वासुदेवाय” मंत्र की तीन माला जप करें । इस
प्रकार सवा महीने जप करने के बाद अन्तिम दिन
किसी वृद्ध तथा ९ वर्ष से कम आयु की एक
बच्ची को भोजन करवाकर दक्षिणा देकर विदा करें ।
20. यदि आपके बच्चे अथवा परिवार के किसी सदस्य
को जल्दी-जल्दी नजर
लगती हो, तो आप शुक्ल पक्ष
की प्रथमा तिथि को ११ अभिमंत्रित
गोमती चक्र को घर के पूजा स्थल में
मां दुर्गा की तस्वीर के आगे लाल या हरे
रेशमी वस्त्र पर स्थान दें । फिर
रोली आदि से तिलक करके नियमित रुप से मां दुर्गा को ५
अगरबत्ती अर्पित करें । अब मां दुर्गा का कोई
भी मंत्र जप करें । जप के बाद
अगरबत्ती के भभूत से
सभी गोमती चक्रों पर तिलक करें ।
नवमी को तीन चक्र पीड़ित पर
से उसारकर दक्षिण दिशा में फेंक दें और एक चक्र को हरे वस्त्र में
बांधकर ताबीज का रुप देकर
मां दुर्गा की तस्वीर के चरणों से स्पर्श
करवाकर पीड़ित के गले में डाल दें । बाकि बचे
सभी चक्रों को पीड़ित के पुराने धुले हुए
वस्त्र में बांधकर अलमारी में रख दें ।
21 यदि किसी का स्वास्थ्य अधिक खराब
रहता हो अथवा जल्दी-जल्दी अस्वस्थ
होता हो, तो चतुर्दशी को ११ अभिमंत्रित
गोमती चक्रों को सफेद रेशमी वस्त्र पर
रखकर सफेद चन्दन से तिलक करें । फिर भगवान् मृत्युंजय से अपने
स्वास्थ्य रक्षा का निवेदन करें और यथा शक्ति महामृत्युंजय मंत्र
का जप करें । पाठ के बाद छह चक्र उठाकर
किसी निर्जन स्थान पर जाकर तीन
चक्रों को अपने ऊपर से उसारकर अपने पीछे फेंक दें
और पीछे देखे बिना वापस आ जायें । बाकि बचे
तीन चक्रों को किसी शिव मन्दिर में भगवान्
शिव का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर अर्पित कर दें और प्रणाम
करके घर आ जायें । घर आकर चार चक्रों को चांदी के तार
में बांधकर अपने पंलग के चारों पायों पर बांध दें तथा शेष बचे एक
को ताबीज का रुप देकर गले में धारण करें ।
22.यदि आपका बच्चा अधिक डरता हो, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम
मंगलवार को हनुमान् जी के मन्दिर में जाकर एक
अभिमंत्रित गोमती चक्र पर
श्री हनुमानजी के दाएं कंधे के सिन्दूर से
तिलक करके प्रभु के चरणों में रख दें और एक बार
श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें । फिर चक्र
उठाकर लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें ।
23.यदि व्यवसाय में किसी कारण से आपका व्यवसाय
लाभदायक स्थिति में नहीं हो, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम
गुरुवार को ३ गोमती चक्त, ३ कौड़ी व ३
हल्दी की गांठ को अभिमंत्रित कर
किसी पीले कपड़े में बांधकर धन-स्थान पर
रखें ।

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