Advt

Wednesday 23 April 2014

निसंदेह सफलता प्राप्त होती ही है प्रिय भाईयो / बहनों आज से ठीक अगले रविवार को रवि पुष्य का शुभ संयोग पुनः बन रहा है ! ..............


निसंदेह सफलता प्राप्त होती ही है

प्रिय भाईयो / बहनों आज से ठीक अगले रविवार को रवि पुष्य का शुभ संयोग पुनः बन रहा है ! जिस प्रकार सभी जानवरों में सिंह ( शेर ) बलवान होता है ,उसी प्रकार समस्त नक्षत्रो का सम्राट पुष्य नक्षत्र है ! जब गुरूवार या रविवार को पुष्य नक्षत्र पड़ जाता है तो पुष्यामृत योग बनता है , जिसमें रविपुष्य तंत्र -मंत्र की सिद्धि और जड़ी - बूटी धारण करने में विशेष रूप से उपयोगी है ! आप सब की जानकारी हेतु बता दू की नारायण कृपा से हमें पुनः ऐसा सिद्ध अवसर प्राप्त हो रहा है आगामी रविवार दिनांक - २७ अक्तूबर -२०१३ को , इस दिन रविपुष्य नक्षत्र सूर्योदय से सायं ०७ बजकर १३ मिनट तक है ! और यदि यह भी अवसर आप सब ने हाथ से जाने दिया तो अब आप को अगले वर्ष की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी ! आप सब के लिए कुछ प्रभावशाली प्रयोग स्पष्ट कर रहा हु जिसे २७ अक्तूबर रविपुष्य में करने पर निसंदेह सफलता प्राप्त होती ही है ! 

कृष्ण हरिद्रा - सामान्य रूप से हल्दी का रंग पीला होता है ! परन्तु इसकी एक जाती काले रंग की होती है ! उसे कृष्ण हरिद्रा अथवा काली हल्दी के नाम से जाना जाता है ! जहा पीली हल्दी पूजा -पाठ , औषध - निर्माण , तेल उबटन - खाना बनाने में इस्तेमाल होती है , वहा काली हल्दी को तांत्रिक -छेत्र में धन -वृदिकारक वस्तु के रूप में अत्यधिक मान्यता प्राप्त है ! काली हल्दी की गाँठ में एक विशेष प्रकार की सुगन्ध होती है -कपूर से मिलती -जुलती पहिचान के लिए भी देखे -ऊपर काली और तोड़ने पर भीतर हल्की पीली आभा दीख पड़ती है ! (१) रवि-पुष्य के दिन प्रातः स्नान आदि करने के बाद अपनी दैनिक पूजा करने के उपरान्त काली हल्दी के ७ या ९ या ११ दाने बनाये ! उन्हें धागे में पिरोकर , चन्दन -अक्षत- पुष्प -धुप - दीप दिखा कर अपने इष्ट देव या देवी का उसके सामने १ माला जाप करके धारण करले या करादे जो साधक ऐसी माला गले या भुजा में रवि-पुष्य के दिन धारण करता है वह ग्रह बाधा - अदरश्य छाया पीड़ा - टोना - टोटका और नज़र आदि से सुरक्षित रहता है मैंने कई लोगो को ऐसी माला धारण करवाई है और पूरा लाभ मिला है (२) काली हल्दी का एक और प्रयॊग है की रविपुष्य के दिन एक काले वस्त्र को अपने सामने रखकर उस पर काली हल्दी (१) , कौड़ी (४) , गुंजा के ८ दाने उसी वस्त्र में रखे इन सबका सिंदूर ,अक्षत, पुष्प , धुप , दीप आदि से पूजन कर अपने इष्ट मंत्र का मानसिक जप करता रहे और इसकी पोटली बना कर घर के मुख्यद्वार की चौखट में इस प्रकार से लगाये की वह बाहर से किसी को दिखे नहीं ! इससे न केवल अद्रश्य बाधा का निवारण होता है , वरन शत्रुजनित तांत्रिक प्रयोग से आप के घर की रक्षा होती है ! 
(३) रविपुष्य के दिन अपनी दैनिक -पूजा करने के बाद काली हल्दी को गंगाजल से शुद्ध कर उसके ऊपर घी मिश्रित सिंदूर लगा दे और उसका पुष्प -धुप- दीप से पूजन कर माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए ( ॐ श्रीं श्रीयै नमः ) का एक माला जप कर लाल वस्त्र में एक -दो रूपए के सिक्को के साथ बांध दे और उसके बाद उसे घर की या दूकान की तिजोरी या उस स्थान पर रख दे , जहा आप अपना पैसा रखते है ! इससे धन में वृदि होती ही है ! 
(४) रवि पुष्य के दिन गंगाजल में काली हल्दी को चन्दन की भाति घिसकर उसका लेप एक डिब्बी में करके तैयार कर ले और इस लेप को गूगल की धुप में शोधित कर माथे पर टिका लगाये ! यह टीका सम्मोहनकारी होता है इससे व्यक्तित्व में निखार आता है और यदि टीके के बीच में अपनी कनिष्ठा ( हाथ की सब से छोटी उंगली ) का रक्त किसी पिन से निकाल कर लगा ले तो प्रभाव और भी बढ जाता है 

काली हल्दी वास्तव में बहुत महत्व रखती है तंत्र में, बस प्रमाणिक वस्तु और इसका सही से शुभ मुहूर्त में प्रयॊग किया जाए तो अवश्य ही लाभ मिलता है! 

No comments:

Post a Comment